
जीवद्रव्य कोशिका की सजीव सामग्री को इंगित करता है जीवद्रव्य के निम्न भाग होते है
- काचाभ (hyloplasm)- रंगहीन आधारी द्रव्य या सभी अंतर कोशिकीय समावेशन तथा कोशिकांगों रहित जीवद्रव्य। इसे आधारी द्रव्य (ground plasm), कोशिका द्रव्य आधात्री (cytoplasmic matrix ), या cytosol भी कहते है।
- कोशिकांग (cell organalaes )- कोशिका में उपस्थित सभी रचनाये जैसे golgi body, mitochondriya, plastid, lysosome etc।
- कोशिका के अन्तर्वेशी पदार्थ (cell ilusion )- ये निर्जीव तथा उपापचय के निष्क्रिय पदार्थ होते है जैसे- मंड, एल्युरान कण अर्थात उत्सर्जनी पदार्थ इत्यादि। इन्हे metaplast, duetoplast, metabolicaly inactive cell ilusion भी कहते है
२.-जीवद्रव्य सिधांत (protopalsmic theory )-
जीवद्रव्य की रचना तथा इसके भौतिक स्वरुप के संबंध में वैज्ञानिको ने विभिन्न वाद प्रस्तुत किए, जिनमे से मुख्य वाद निम्नलिखित है -
- granular theory- altmaan (1893) ने इस वाद को प्रतिपादित किया। इस वाद के अनुसार जीवद्रव्य असंख्य सूक्ष्म कण से मिलकर बनता है जो समांग तरल माध्यम में बिखरे रहते है। हेनले व मैगी ने इन कणों को cytoplast or bioplast कहा था।
2. alvelor theory- इस वाद का प्रतिपादन बुसली(butsclii, 1892)ने किया था। इस वाद के अनुसार जीवद्रव्य दो विभिन्न घनत्व वाले पदार्थ से बने झाग के सामान होता है इसमे अधिक घनत्व वाला तरल मैट्रिक्स का निर्माण करता है तथा कम घनत्व वाला कुपिकाओ के रूप में निलंबित रहता है
3. fibrillar theory- fleming ने इस वाद का प्रतिपादन किया था। इस वाद के अनुसार जीवद्रव्य के दो भाग होते है -fibril तथा matrix । असंख्य तंतु एक तरल माध्यम अर्थात मैट्रिक्स का निर्माण करते है। मैट्रिक्स को paramitome or hylolasm कहते है। तंतुओ को मिसेल्स या mitome कहते है। तंतुओ का निर्माण प्रोटीन से होता है।
4. reticular theory- klein and carnoy ने इस वाद का प्रतिपादन किया था। इस वाद के अनुसार जीवद्रव्य तंतुओ के जाल से बना होता है।
उपरोक्त सभी वाद अब एतिहासिक महत्त्व के ही है जीवद्रव्य के polyphagic colaidal system को स्वीकार गया है। इस सिधांत के अनुसार जीवद्रव्य इस प्रकार के रासायनिक पदार्थो का मिश्रण है जिनमे कुछ crystaloid तथा कुछ colaidal पदार्थ होता है
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